छूने से मैला हो मेलबर्न
अमिताभ स.
क्या खूबसूरत शहर है मेलबर्न। साफ-सफाई देखने लायक। कुल मिला कर, स्विट्जरलैंड के किसी शहर का-सा स्पर्श है। हर गली और सड़क पर कॉफी शॉप्स ही कॉफी शॉप्स हैं। यहां कॉफी का अपना मजा है, हर सिप एकदम मस्त है। यूं भी, मेलबर्न को ऑस्ट्रेलिया की फूड केपिटल कहते हैं। लोग वाइन पीने के खासे शौकीन हैं और सबसे पंसदीदा डिश ‘फिश एंड चिप्स’ है। ‘चार-कोल चिकन’ नाम का ग्रिल चिकन भी खूब चाव से खाया जाता है। खास बात है कि चाइनीज डिश ‘डिम सिम’ मेलबर्न के ‘चाइना टाउन’ इलाके में ही पहली दफा बना और परोसा गया, चीन में नहीं।
मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया का दूसरा सबसे बड़ा शहर है, इसलिए दो पब्लिक एयरपोर्ट हैं। एक है टूलामरिन एयरपोर्ट और दूसरा, एवलोन एयरपोर्ट। फ्लिंडसी रेलवे एयरपोर्ट की हेरिटेज बिल्डिंग देखने लायक है। अन्य आकर्षणों में सिटी और पार्लियामेंट एरिया शुमार हैं। मेलबर्न का चरित्र कुछ-कुछ अपनी दिल्ली जैसा है। यमुना की तरह वहां भी यारा नाम की नदी बहती है।
अपने देश वालों का बोलबाला
मेलबर्न में भारतीय ज्यादा रहते हैं और सिडनी में चाइनीज। ‘क्लेटन’ नाम के इलाके में पंजाबियों का बोलबाला है। ढाबे हैं और साड्डे ठेठ स्ट्रीट फूड की दुकानें भी। दीवाली और न्यू ईयर फेस्टिव सीजन के दौरान बाकायदा खाने-पीने की सजी-धजी रेहड़ियां उमड़ पड़ती हैं। यही नहीं, हिन्दुस्तानियों और पाकिस्तानियों का एक इलाका है सिडनी रोड। यहां किस्म-किस्म के कबाब और बिरयानी की बहार ट्राई कर सकते हैं। मेलबर्न के बारे में मशहूर है कि वहां ‘3 डब्ल्यू’ पर कतई यकीन न करें। तीन डब्ल्यू हैं-वैदर, वुमन और वर्क। मौसम कब बिगड़ जाए या सुहावना हो जाए, कह नहीं सकते। औरत भी बात-बेबात पर कब बेवफा हो जाए, कोई नहीं जानता। और काम कब मिले, कब छूटे, कहना मुश्किल है।
मेलबर्न में ट्रैफिक नियम सख्त हैं। हर कोई हरेक नियम को दिल से मानता भी है। स्पीड लिमिट का खास ख्याल रखना जरूरी है, क्योंकि सड़कें खाली देख कर, बेशक स्पीड बढ़ाने को मन ललचाए, लेकिन काबू में रहना जरूरी है। चप्पे-चप्पे पर कैमरे लगे हैं, जिनकी पैनी नजर से बच पाना मुमकिन नहीं हैं। ओवर स्पीड की हर गलती पर बतौर जुर्माना 300 डॉलर यानी करीब 15,000 रुपये ठुक सकते हैं। कार की पिछली सीट पर बैठे मुसाफिरों को भी सीट बेल्ट पहनना लाजमी है। ड्रिंक एंड ड्राइव तो बड़ा जुर्म है ही। पब्लिक ट्रांसपोर्ट के तौर पर, सड़कों पर मेट्रो, ट्राम और बसें तीनों दौड़ती हैं। टैक्सी में एक साथ 4 सवारी सफर कर सकती हैं। बस में 4 लोगों के सफर करने की बजाय टैक्सी पर आना-जाना किफायती पड़ता है। यूरोपीय देशों के शहरों की तरह मेलबर्न में भी पैदल चलने का ट्रेंड है। सड़कों पर आधी रात को भी महिलाएं एकदम सुरक्षित घूम सकती हैं।
कोना-कोना सरप्राइज
यारा नदी के साथ मेलबर्न की गलियों और बाजारों में घूमते-घूमते अपने चांदनी चौक की याद ताजा हो उठती है। नीचे कतार दर कतार में छोटी-छोटी दुकानें हैं और ऊपर घर हैं। करीब डेढ़ सौ साल पुराना इलाका है, हेरिटेज ही समझिए। यहां भी मसाले-किराने की बेशुमार दुकानें हैं, परफ्यूम या इत्र की दुकानें वगैरह के बीच फैशनेबल कैफे भी कम नहीं हैं। यहीं कोलिन्स स्ट्रीट स्थित शहद बेचती एक निराली दुकान है, नाम है-‘क्लेमेन्टांइस’। खासियत है कि नीचे दुकान है और ऊपर रूफटॉप पर पालतू मधुमक्खियों से लाइव शहद निकालते हैं। दिल्ली-6 की खारी बावली की तरह मेलबर्न के लेनवेज में मसालों से खचाखच भरी दुकानें देखना मजेदार लगता है। मसालों की एक दुकान का नाम ‘गिवुरजोस’ है, जो जर्मन परिवार की दूसरी पीढ़ी चला रही है। गुजराती चाय मसाला की कड़क चाय पीने का जी करे, तो नजदीकी ‘होपटोन टी रूम्स’ का रुख कीजिए। शो विंडो स्विस रोल्स, स्ट्राबेरी शॉर्ट ब्रेड्स वगैरह से सजी हैं। और सबसे व्यस्त रेस्टोरेंट्स में से एक है- ‘वेटर्स रेस्टोरेंट’। 1940 के दशक से इटेलियन फूड के लिए जाना जाता है। लोगों को इनडोर की बजाए आउटडोर रेस्टोरेंट्स में तारों की छांव में बैठ कर खाना बेहद पसंद है।
अंग्रेजी बोलना लाजिमी
अंग्रेजी बोल और समझ सकते हैं, तो मेलबर्न समेत ऑस्ट्रेलिया में घूमने-फिरने की दिक्कत नहीं होती। अंग्रेजी नेशनल लेंग्वेज है, सो बोलचाल में भी अंग्रेजी ही चलती है। लोग फ्रेंडली हैं और उनमें गुड मैनर्स कूट-कूट कर भरे हैं। सड़कों पर बेगाने भी एक-दूसरे से ‘हाउ आर यू’ पूछते आते-जाते हैं। मददगार भी बहुत हैं। वीकेंड्स पर मेलबर्न की नाइटलाइफ जवान हो उठती है। कोलिन स्ट्रीट और चैपल स्ट्रीट सबसे हैप्पनिंग एरिया हैं। तड़के 4-4 बजे तक पब और रेस्टोबार में युवा और बुजुर्ग बराबर खाते-पीते झूमते-गाते-नाचते रहते हैं।
मेलबर्न के लोगों को बड़े-बड़े बंगलों में रहने की आदत है। हर घर में किचन गार्डन बनाने का शौक भी है। वहां ज्यादातर बंगलों में किचन गार्डन हैं और ताजा सब्जियां तोड़-तोड़ कर लोगबाग पकाते और खाते हैं। क्रिकेट खेलने और मैच देखने के शौकीन भी हैं। ऑस्ट्रेलिया के हर शहर में बड़े-बड़े स्टेडियम हैं, जहां क्रिकेट मैच होते हैं। मेलबर्न के क्रिकेट स्टेडियम में भी ओल्ड और मॉर्डन का दिलकश समावेश है।
ऑस्ट्रेलिया के बीच दुनिया भर में मशहूर हैं और मेलबर्न में ही दो दिलकश बीच हैं। मेलबर्न का सेंट किल्डा बीच न देखा, तो सारी सैर बेकार समझिए। यहां है वर्ल्ड क्लास लहरें, लम्बा-चौड़ा बीच और मौज-मस्ती के पल। हर वीकेंड मेलबर्न वाले बीच पर भी निकल पड़ते हैं। घंटों बीच पर स्वीमिंग करना और तफरी करना कोई ऑस्ट्रेलिया वालों से सीखे।
14 घंटे है दूर
सीधी उड़ान से, दिल्ली से मेलबर्न पहुंचने में करीब 14 घंटे लगते हैं। और समय के लिहाज से मेलबर्न समेत पूरा ऑस्ट्रेलिया गर्मियों में साढ़े 4 घंटे और सर्दियों में साढ़े 5 घंटे आगे है। आजकल वहां गर्मियां हैं, यानी गर्मी और सर्दी का मौसम दिल्ली से उलट है। ऑस्ट्रेलिया की केपिटल केनबरा है, लेकिन सिडनी के बाद मेलबर्न दूसरा बड़ा शहर है। मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य की राजधानी है। मेलबर्न सारा साल घूमने के लिए फिट और हिट है। करेंसी ऑस्ट्रेलियन डॉलर है और आजकल 51 रुपये के आसपास है।